कातिलby Vikash September 14, 2023 0 Poemsमैंने कहा तुम कातिल हो। इस प्यार में जो मार डाला है तुमने॥ कितनी शातिर निकली तुम, की मुझे दिल... Read more
अब आया एक नया सालby Vikash September 14, 2023 0 Poemsगया वो साल जो पुराना था। ख़ुशियो भरा, खूब प्यारा, अपनों की बीच निराला था॥ दुनिया ने देखी खूब रुकावट,... Read more
जुर्म मेरे रंगीन होंगेby Vikash September 14, 2023 0 Poemsदुनिया से चला जाऊँगा एक दिन मुझे शायद कोई याद ना रखे पर काम मेरे संगीन होंगे अख़बारों में छपेंगे... Read more
पहचान ज़रूरी हैby Vikash September 14, 2023 0 Poemsसमझने की राह पर आपकी चाल ज़रूरी है, चलन ज़रूरी है, पहचान ज़रूरी है। बना लो अपनी हस्ती ऐसी की... Read more
खेल सिर्फ़ खूनी जो हैby Vikash September 14, 2023 0 Poemsमत सोचो की सही में कुछ सही और ग़लत में कुछ ग़लत है। सोचना है तो ख़ुदा को सोचो, करो... Read more
Quick Recoveriesby Vikash September 14, 2023 0 PoemsWe both are learning to recover quickly. We find no kick in fighting. We both understand each other better now.... Read more
तभी मिलेगा मेवाby Vikash September 14, 2023 0 Poemsचंचल, चपल, चतुर बनो। बनो बहुत बुद्धिमान।। बजरंग जैसा बल मिले और करना सबका नाम।। मान बढ़ाना, नाम कमाना, करना... Read more
वक़्तby Vikash December 9, 2022 0 Poemsवक़्त बड़ा बलवान है। मेरा भी वक़्त आएगा। वक़्त का इंतज़ार करो। वक़्त नहीं है। और ऐसे हीं हज़ारों तरीक़े... Read more
अलग है ये आदमी बिलकुल ही अलगby Vikash December 9, 2022 0 Poemsजन्मदिन दिन है? किसका? अरे क्या ये वही ख़ास दिन है? दिन कैसे बीत रहें है। सपने ख़ुद को खींच... Read more
लोग टूट जाते हैंby Vikash September 8, 2023 0 Poems1. लोग टूट जाते हैं, महज़ बातों से गिर जाते हैं, महज़ दुनिया के चाटों से। बात तो तब होगी... Read more