जन्मदिन दिन है? किसका?
अरे क्या ये वही ख़ास दिन है?
दिन कैसे बीत रहें है।
सपने ख़ुद को खींच रहे हैं॥
पर एक लड़का है, जो लम्हा लम्हा जीता है।
छोटे मुँह से हँसता है पर दिल बड़का सा रखता है॥
ख़ास तो है वो, और अभी ही तो जवान हुआ है।
सच सुनोगे? अभी तो वो शक्तिमान हुआ है॥
घर भी देख लेता है, परिवार भी, ससुराल भी, मौसा-मौसी और व्यापार भी।
सच कहूँ तो क्या कमाल हुआ है॥
ब्लॉकचेन देख रहा है, और क्वांटम भी।
दिन-रात हो गये और रातें थोड़ी और लंबी, पर ये लड़का है जो उफ़ ना करता है।
शक्तिमान इतनी हिम्मत कहाँ से लाते हो? ऐसा जिगरा कहाँ से पाते हो? इस जन्मदिन थोड़े गुड हमे भी सिखाना और अगले जन्मदिन तक हमें भी शक्तिमान बनाना॥
शभकामनाओं समेत ढेर सारा प्यार। अवतरण दिवस की बहुत-बहुत बधाई मेरे मित्र।