1.
लोग टूट जाते हैं, महज़ बातों से
गिर जाते हैं, महज़ दुनिया के चाटों से।
बात तो तब होगी ए मेरे दोस्त,
जब तू , सपने भी जियेगा अपने इरादों से।
2.
सब कुछ मेरे ही तो हाँथ में है,
ये सब मेरी औक़ात में है।
तुम ये बिलकुल मत सोचना की तुम “असंभव” हो,
तुम्हें “संभव” करना ऐसा मेरा मन फ़िराक़ में है।
3.
कोई आप पर हँसे, हँसने दो, कोसे, कोसने दो, निठल्ला बोले या बेकार, बोलने दो।
तुम बस रुकना मत।
ख़ुद को पहचानो, खड़े हो जाओ, और उठ के भागो।
पाओ उस मुक़ाम को, जो बुर्ज ख़लीफ़ा है।
फिर देखना, दुनिया आएगी, और मेंटरशिप लेके जाएगी॥
4
जब पत्थर ऊपर फेंकोगे तो नीचे ही आएगा।
जब बोली ज़ुबाँ से निकलेगी तो चीर ही जायेगा॥
5
प्यार में अगर हो, ज़ुबाँ बता देगी।
एक ज़ुबाँ ही तो है जो तुम्हें सबसे अलग करा देगी॥
इसमें ताक़त बड़ी असीमित है।
छोटे झगड़े कहाँ ये तो युद्ध करा देगी॥
6
जब है पता की बात इतनी गंभीर नहीं।
तो सर पे चढ़ाना क्या और दिल से लगाना क्या॥